पितृ दोष क्या है जानिए लक्षण, उपाय और पितृ पूजा के लिए जरूरी निर्देश

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पितरों की पूजा करने का सही समय क्वार मास के कृष्ण पक्ष का दिन होता है। इस दिन हम पितरों के प्रति अपने श्रद्धा व्यक्त कर सकते हैं।Â

इस दिन सभी घरों में पितरों की पूजा की जाती है और पितरों की आत्मा को शांति मिलती है तो वह अपने संतान को सुखी होने का आशीर्वाद देती है।

pitra dosh ke karan

यह समय ही उचित होता है जी जब आप पितृ दोष से मुक्ति पा सकते हैं। आज हम आपको बताएंगे की पित्र दोष के लक्षण क्या होते हैं। और उससे पहले हम आपको बताएंगे कि पित्र दोष क्या होते हैं (pitra dosh kya hota hai) और इसके साथ-साथ इन को शांत करने के उपाय अथवा निवारण (pitra dosh ke upay or nivaran) के बारे में चर्चा करेंगे।

पितृ दोष क्या है – Pitra Dosh Kya Hota Hai

ज्योतिष शास्त्र में पितृ दोष एक महत्वपूर्ण भाग है। इसमें लोगों को पितरों की आत्मा के द्वारा दोष मिलता है और इसके कारण व्यक्ति के जीवन में असाधारण प्रभाव पड़ता है।

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पितृ दोष में पितरों की आत्मा को शांति नहीं मिलती है और उनकी आत्मा की शांति के लिए व्यक्ति को उचित उपाय करने की आवश्यकता होती है और कहते हैं कि व्यक्ति के मृत्यु के पश्चात उसका विधि विधान से अंतिम संस्कार भी करना चाहिए जिससे उनकी आत्मा को शांति मिल सके।Â

पितृ दोष के लक्षण – Pitra Dosh Ke Lakshan

पित्र दोष के लक्षण आम दिनचर्या पर प्रभाव डालती है । यदि आप निम्नलिखित लक्षणों में से कुछ महसूस करते हैं तो आपको यह मानना होगा कि आपको पित्र दोष निवारण की आवश्यकता है ।

pitra dosh upay

पितृ दोष के लक्षण कुछ इस प्रकार होते हैं:-Â

  • ऐसा कहा गया है कि अगर व्यक्ति पर पितृ दोष होता है तो उसे संतान की प्राप्ति नहीं होती है। अगर मिलता भी है तो संतान को सुख नहीं मिलता है वह विकलांग, मंदबुद्धि या फिर चरित्रहीन होता है और कई बार यह भी होता है की संतान की मृत्यु हो जाती है।
  • नौकरी और व्यवसाय में भी दिक्कत आती है।Â
  • परिवार में अशांति होना और अक्सर कलह बना रहना।Â
  • परिवार में सदैव एक व्यक्ति का अस्वस्थ होना और दवा होने के बाद भी ठीक ना होना ।Â
  • अपनों से ही धोखा मिलना है यह भी पित्त दोष ही होता है।Â
  • पितृदोष होने पर व्यक्ति के होने वाले मांगलिक कार्यों में रूकावट आना।Â
  • परिवार के सदस्यों पर प्रेत बाधा होना और घर में तनाव बना रहना।Â

यह कुछ लक्षण है जो पित्र दोष होने पर आमतौर पर देखने को मिल सकते हैं। इसके साथ साथ कुछ अन्य भी लक्षण होते हैं जो पित्र दोष के कारण होते हैं । आप अपने पारिवारिक पंडित से मिलकर इसके बारे में चर्चा कर सकते हैं ।

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पितृ दोष के उपाय – Pitra Dosh Ke Upay or Nivaran

यदि आप ऊपर दिए गए पितृदोष के लक्षण को महसूस करते हैं या आपको लगता है कि आप पित्र दोष से पीड़ित है तो आपको पित्र दोष के उपाय करने की आवश्यकता है ।

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पित्र दोष के उपाय व निवारण कुछ इस प्रकार किया जा सकता है।

आइए इसको संक्षेप में जानते हैं:-Â

  • पितृ दोष होने पर व्यक्ति को पितरों की रोजाना पूजा करनी चाहिए इससे धीरे-धीरे पित्त दोष समाप्त होने लगेगा।Â
  • पूर्वजों के निधन की तिथि पर ब्राह्मणों को भोजन कराये और सच्चे मन से दान करें।Â
  • पीपल के पेड़ पर पुष्प, दूध, गंगाजल, काले तिल और दोपहर में जल भी चढ़ाए और पित्त जनों को याद करें।Â
  • पितृ दोष में एक गरीब कन्या से विवाह या फिर विवाह में मदद करने से भी दोष दूर होता है।Â
  • दक्षिण दिशा में शाम को दीपक जलाएं और अगर रोजाना नहीं जला सकते तो पितृ पक्ष पर जरूर जलाएं।Â
  • सुबह सूर्य को जल अर्पित करें और गायत्री मंत्र का जप भी करें।Â
  • गाय को गुड़ खिलाएं।Â
  • पितृ गायत्री का पाठकरवाएं।Â
  • पूर्वजों के लिए मोक्ष की कामना करें।Â
  • सोमवार के दिन महादेव की पूजा आक के पुष्पों से करें।Â
  • पांच मुखी रुद्राक्ष पहनें।Â
  • शिवलिंग पर जल अर्पण करें

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पितृ दोष होने की वजह – Pitra Dosh ke Karan

ऊपर हमने पितृदोष के लक्षण व निवारण के बारे में पढ़ा । आपको यह जानना भी जरूरी है कि पित्र दोष के कारण क्या होते हैं । यदि आप इन कारणों को जान लेंगे तो संभव भी आप कभी भी पितृदोष से पीड़ित नहीं होंगे ।

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आइए एक नजर पितृदोष के कारणों पर भी डालते हैं और जानते हैं कि ऐसा क्या होता है जिसके कारण पित्र दोष होते हैं

  • पितरों की विधिवत अंतिम संस्कार ना होना और सच्चे मन से श्रद्धा ना देना।Â
  • पितरों का अपमान करना।Â
  • पीपल, नीम और बरगद के पेड़ों को कटवाना।Â
  • नाग की हत्या करना भी पितृ दोष को निमंत्रण देना होता है।Â

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पितृ दोष के लिए पूजा और व्रत

पितृ दोष के लिए पूजा और व्रत एक महत्वपूर्ण तरीका है जिसके माध्यम से इस दोष को ठीक किया जा सकता है। पितृ दोष के लिए निश्चित पूजा और व्रत विधि विशेषज्ञ द्वारा संचालित की जाती हैं जो इस दोष के प्रभाव को कम करने और निजी जीवन में संतुष्टि को प्राप्त करने में मदद कर सकती हैं।

पितृ दोष के लिए पूजा में श्रद्धालु अपने पितृगण को समर्पित करते हैं और उन्हें आशीर्वाद देने की प्रार्थना करते हैं। यह पूजा विशेष रूप से पितृ पक्ष के दौरान की जाती है, जब पितृ गणों का आगमन मान्य होता है।

इस पूजा के लिए श्रद्धालु धार्मिक स्थलों पर जाते हैं और पितृ गणों के लिए भोजन, दान और आरती करते हैं। इस पूजा के दौरान कई मंत्रों और प्रार्थनाओं का उपयोग किया जाता है जो पितृ गणों के आशीर्वाद को आमंत्रित करते हैं।

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पितृ पूजा के लिए आवश्यक निर्देश

यहां पर कुछ निर्देश दिए गए हैं जिनका पालन आपको पित्र पूजा के समय करना चाहिए। इन निर्देशों का पालन करके आप पित्र दोष का निवारण कर सकते हैं:-

  • पितरों के लिए जो भोजन बनाएं उसमें नॉनवेज भोजन कभी ना बनाएं।Â
  • पूजा के दिन नॉनवेज ना खाएं।Â
  • पूजा में कभी भी स्टील, लोहा, प्लास्टिक और शीशे के बर्तन का प्रयोग ना करें।Â
  • पितरों का सम्मान करें और पूजा के दिन घंटी ना बजाए।Â
  • जो व्यक्ति पितरों की पूजा कर रहा हो उसकी पूजा में व्यवधान ना डालें।Â

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निष्कर्ष – Pitra Dosh

हिंदू पौराणिक कथाओं में, पितृ दोष का तात्पर्य पैतृक श्राप से है, जिसके बारे में माना जाता है कि यह व्यक्तियों को उनके पूर्वजों के दुष्कर्मों या अधूरे दायित्वों के कारण प्रभावित करता है।

पितृ दोष की अवधारणा महत्वपूर्ण महत्व रखती है और माना जाता है कि यह करियर, रिश्ते और समग्र कल्याण सहित किसी के जीवन के विभिन्न पहलुओं को प्रभावित करता है। हालाँकि, यह ध्यान रखना आवश्यक है कि पितृ दोष की गंभीरता और अस्तित्व के संबंध में हिंदू समुदाय के भीतर अलग-अलग राय हैं।

कुछ लोगों का मानना ​​है कि यह एक शक्तिशाली और प्रभावशाली दोष है जिसके प्रभाव को कम करने के लिए विशिष्ट अनुष्ठानों और उपायों की आवश्यकता होती है।

दूसरी ओर, संशयवादियों का तर्क है कि यह केवल अंधविश्वास का उत्पाद है और इसे अनुचित महत्व नहीं दिया जाना चाहिए। अंततः पितृ दोष का निष्कर्ष व्यक्ति की आस्था और आस्था पर निर्भर करता है।

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1 COMMENT

  1. यदि किसी व्यक्ति को पितृ दोष का पाप लगा हो तो क्या वह व्यक्ति अपने जीवन काल में पितृ दोष के पाप से दोष मुक्त हो सकता है ऐसा कहा जाता है कि यदि पितृ दोष लगा हो तो कोई भी अच्छे काम जैसे की शादी या अपने घर में किसी तरह का कोई भी फंक्शन त्यौहार ना ही मनाए तो अच्छा है अन्यथा कुछ ना कुछ अपशगुन होने की आशंका रहती है इसके बारे में मुझे थोड़ा और जानना है कृपया मेरे सवाल का देकर मुझ पर कृपा करें धन्यवाद।

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