पूजा का अर्थ है ईश्वर की आराधना, जो हम घर या मंदिर में जाकर कहीं भी कर सकते हैं। ईश्वर की आराधना से ही ईश्वर का आशीर्वाद प्राप्त होता है। सुबह शाम चाहे 5 मिंट ही या उस से भी कम भी अगर हम सच्चे दिल से पूजा करें तो ईश्वर का आशीर्वाद अवश्य प्राप्त होता है। आइये आज हम चर्चा करते हैं पूजा से होने वाले लाभों की:—
श्री बजरंग बली
परिवार या कैरियर में समस्या, बीमारी से छुटकारा पाने के लिए बजरंग बली की पूजा अर्चना अवश्य करें
सबसे पहले बात करते हैं बजरंग बली जी की। हिन्दू लोग इनकी वानर के रूप में पूजा करते हैं। हनुमान जी ब्रह्मचारी थे और साथ ही राम भक्त भी थे।
शादीशुदा जीवन में समस्या हो, परिवार या कॅरिअर में समस्या हो, दिल की कोई बीमारी हो, मानसिक बीमारी जैसे अवसाद, चिंता या डर लगना, प्रेम में विफलता, मन दुखी हो तो हनुमान जी की पूजा अवश्य फल देती है। शनि की महादशा में भी हनुमान जी की पूजा करने से लाभ प्राप्त होता है।
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माँ सरस्वती
व्यापार को बढ़ावा देने हेतु व् विद्या प्राप्त करने के लिए माँ सरस्वती को अपने घर में स्थापित कर पूजा अर्चना करें
माँ सरस्वती ब्रह्मा जी की पत्नी तो हैं ही साथ ही देवी हैं कला, संगीत, दर्शन शास्त्र, ज्ञान और विद्या की। परीक्षा से पहले तो देवी सरस्वती की पूजा करना अच्छा माना ही जाता है ओर जो लोग ज्ञान की खोज में रहते हैं उनको तो सरस्वती की पूजा अर्चना जरूर करनी चाहिए।
शिरडी वाले साई बाबा
बिगड़े काम बनाने के लिए साईं बाबा को घर में स्थापित कर पूजा अर्चना करें
शिरडी के साई बाबा को अगर प्रेम, श्रद्धा एवं संयम से याद करेंगे तो परिणाम भी जल्दी ही हासिल होंगे। साई बाबा की पूजा आपके जीवन कठिन रास्तों में आपका मार्गदर्शन करती है और धीरे धीरे आपको मोक्ष के रास्ते पर ले जाती है।
साई बाबा सच्चे और अच्छे दिल के मालिक हैं और आपके प्रेम से चढाये हुए फल, फूल, पत्ते यहाँ तक कि पानी से भी प्रसन्न हो जाते हैं। उनको न तो धन की जरूरत है न ही किसी अन्य वस्तु की।
माँ काली
माँ काली की पूजा अर्चना अति आवश्यक है अतः इन्हें तुरंत ही घर में स्थापित करें
माँ काली की पूजा शक्ति के कई रूपों में की जाती है। काल शक्ति रूप यानि समय की शक्ति, विद्युत् शक्ति रूप यानि चेतना की विद्युत् शक्ति, योग शक्ति रूप यानि योग की आंतरिक शक्ति, महाकाल शक्ति यानि शिव में निहित शक्ति।इन सब शक्तियों पर विजय पाने के लिए हमें सच्चे मन से माँ काली की पूजा अर्चना करनी चाहिए।
भोले बाबा
शिवजी को भोलेनाथ भी कहते हैं, क्योंकि वे दिल से ही भोले भाले हैं कि भक्तों की सच्चे मन से की गयी पूजा से उनका मन द्रवित हो जाता है। वे उनको मनचाहा वरदान देते हैं।
शिवजी के पास शक्तियों का भण्डार है। वे सब दुखों के नाशक हैं, जीवन में फैले जहर को पीते हैं और मन से अज्ञानता, अहंकार, भ्र्म, लगाव जैसी बुराइयों को दूर करके हमारे मन में आध्यात्मिक शक्ति जगाते हैं।
भगवान श्री कृष्ण
जीवन में प्रेम पाना हो तो भगवान श्री कृष्ण की पूजा अर्चना करें
भगवान् श्री कृष्ण कर्म के प्रतीक माने जाते हैं। उनके द्वारा उद्धरित भगवद गीता हिंदुयों के लिए पूजनीय है। श्री कृष्ण ने कर्म करने और फल की इच्छा न रखने की जो शिक्षा दी उसको यदि उदाहरण समझें तो हमे सच्चे मन से पूजा करनी चाहिए नाकि फल प्राप्ति हेतु।
श्री कृष्ण की पूजा मन में प्रेम उत्पन्न करती है, सब दुखों अवसादों का नाश करती है,पापों से मुक्क्ति दिलाती है और साथ ही जन्म मरण के चक्करों से छुटकारा दिलाती है।
गणेश जी
अपने जीवन में कोई भी काम आरम्भ करने से पहले और अपने दुखो के अंत के लिए गणेश जी की पूजा अवश्य करें
गणेश जी भगवन शिव के पुत्र थे, जो प्रतीक माने जाते हैं बुद्धिमता, खुशहाली और सौभाग्य का। हर अच्छे काम की शुरुआत गणेश जी की पूजा से करते हैं। क्योंकि गणेश जी की पूजा हर रूकावट दूर कर देती है। इनकी पूजा से अहंकार का नाश होता है, सुख समृद्धि मिलती है, ज्ञान की प्राप्ति होती है और जीवन में सुख समृद्धि आती है।
दुर्गा माता
राहु और केतु की दिशा ठीक करने के लिए माँ दुर्गा की प्रतिदिन पूजा अर्चना करें
माँ शेरां वाली को माँ दुर्गा भी कहकर पुकारते हैं। कहते हैं माँ दुर्गा की पूजा यदि गणेश जी के साथ की जाये तो यह राहु और केतु की टेढ़ी चाल को भी बदल सकती है। काम-धंधे में अड़चन, पति पत्नी या बच्चों के साथ तनाव या रोजमर्रा की परेशानियां राहु केतु की उलटी चाल की वजह हैं। लेकिन माँ दुर्गा की गणेश जी के साथ पूजा से इनके दुष्प्रभाव को खत्म किया जाता है। माँ अम्बे राहु केतु की उलटी चाल को भी सीधा करने में माहिर हैं।
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We encircle ourselves with profound powers’ contemplations and vibrations while we perform puja. These profound energies endeavor to dispose of the terrible impacts in our lives and encompass us with great energy, which can offer us satisfaction, money related flourishing, and a more clear association with the Heavenly, our actual quintessence.
Puja means worshipping the deity, whether you do it in a temple or at your home. Worship leads to blessings. Even if you have 5 minutes, you should do it daily.