हिंदू धर्म में जब भी कोई बच्चा जन्म लेता है तो उसकी कुंडली बनवाई जाती है और यदि उस बच्चे की कुंडली में मांगलिक दोष पाया जाता है तो इससे पूरे परिवार में घबराहट उत्पन्न हो जाती है। जिसे हम “मंगल में दोष” होने के नाम से भी जानते हैं ।
परिवार का हर सदस्य उस बच्चे के भविष्य को लेकर सतर्क हो जाता है और हर वक्त चिंता में रहता है। बच्चे के परिवारजन बहुत ही आशंकाओं को अपने चारों ओर खड़ा पाते हैं और किसी अनहोनी के न होने की प्रार्थना करते नजर आते हैं।
वास्तव में मांगलिक दोष या जिसे हम मंगल में दोष होने के नाम से भी जानते हैं, को सिर्फ बुरे प्रभावों के साथ जोड़कर ही देखा जाता है लेकिन यह एक हद तक बहुत गलत है।
जैसा कि मांगलिक शब्द मंगल से बना हुआ है जिसका अर्थ ही शुभ होता है तो मांगलिक होना अशुभ नहीं है बल्कि इसके फायदे और नुकसान दोनों होते है।
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मांगलिक व्यक्तियों के बारे में बहुत सी बातें सुनी जाती है और इन्हीं बातों के चलते लोग इनसे दूरियां बना लेते है कि कही मांगलिक के साथ रहने से उनके जीवन में कोई कठिनाई न आ जाएं।
हां, मांगलिक व्यक्ति को जीवन में कुछ समस्याओं का सामना जरूर करना पड़ता है लेकिन इन्हें कुछ लाभ भी होते हैं।
यहां हम यह बिल्कुल नहीं कह रहे हैं कि मांगलिक दोष का अर्थ शुभ होना ही होता है। हम यह स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि मांगलिक दोष कई बार अच्छे परिणाम लेकर भी आता है।
यदि हमारी कुंडली में मंगल की स्थिति मजबूत है तो यह यकीनन अच्छे परिणाम ही लेकर आयेगा। यदि आपकी कुंडली में मांगलिक दोष पाया जाता है तो आपको घबराने की आवश्यकता बिल्कुल भी नहीं है क्योंकि इसके बहुत से उपाय होते है।
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आज के इस लेख में हम आपको मंगलिक दोष से होने वाले नुकसान और फायदे दोनों के बारे में बताएंगे।
आइए पहले मांगलिक दोष के फायदों के बारे में जानते है।
जब मनुष्य के प्रथम यानी की लग्न भाव में मंगल होता है तो इसे शुभ माना जाता है और ऐसे व्यक्तियों के बारे में कहा जाता है कि वह बहुत साहसी और पराकर्मी होते है। ऐसे व्यक्ति किसी भी कठिन परिस्थिति से जीतकर ही बाहर निकलते है। ये व्यक्ति खेल, सेना और सेवा जैसे क्षेत्रों में बहुत नाम कमाते हैं।
वही यदि मनुष्य के चतुर्थ भाव में मंगल होता है तो ऐसे व्यक्तियों के बारे में कहा जाता है कि वह बहुत ही आकर्षक और शक्तिशाली होते है। ऐसे जातक हमेशा ही भूमि, वाहन और सुख से परिपूर्ण रहते हैं।
जिन जातकों के चतुर्थ भाव में मंगल विराजमान होता है वह हमेशा पार्टनरशिप के काम में सफलता पाते हैं। साथ ही इन्हें प्रॉपर्टी से जुड़े कार्य में भी सदैव सफलता मिलती है। ऐसे व्यक्ति सदैव स्वस्थ रहते है और हमेशा किसी ऊंचे पद पर ही आसीन होते हैं।
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अगर बात की जाएं ऐसे जातकों की जिनके अष्टम भाव में मंगल विराजमान होता हैं तो ऐसे जातकों को अचानक से धन लाभ होने के योग बने रहते है। ऐसे मनुष्य सर्जरी में अपना भविष्य बना सकते है।
जिस मनुष्य के दसवें भाव में मंगल होता है ऐसे लोग विदेश में प्रॉपर्टी खरीदते है और ऐसे लोगों को विदेशों में ही सफलता मिलती है।
अगर बात मांगलिक होने के नुकसान की कि जाएं तो
यदि मंगल किसी मनुष्य के प्रथम भाव में होगा तो वह व्यक्ति ज्यादा सुंदर नही होगा। ऐसे व्यक्ति को खराब जीवनसाथी मिलता है इसी कारण ऐसे मनुष्य की सदैव अपने जीवन साथी से अनबन बनी रहती है।
ऐसे जातकों के रिश्ते अपनी माता से अच्छे नहीं होते। और इनके वैवाहिक जीवन में हमेशा समस्या आती ही रहती है।
ऐसे जातक जिनके चतुर्थ भाव में मंगल विराजमान होता है। इनके विवाह का योग नहीं बनता मतलब कि इनकी कुंडली नहीं मिलती है।
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जिस कारण से इनकी शादी होने में काफी मुश्किलें आती है। ऐसे लोगों को अपने वैवाहिक जीवन में तालमेल बैठाने में बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
वहीं किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल की दशा सप्तम भाग में हो तो वह व्यक्ति हिंसक होगा और साथ ही बहुत गुस्से वाला होगा। वह व्यक्ति बहुत जल्दी गुस्सा हो जाता होगा और छोटी-छोटी बात पर लड़ने को तत्पर रहता होगा। ऐसे व्यक्ति वैवाहिक जीवन में बहुत हिंसक होते है। ऐसे व्यक्ति वस्तुओं को लेकर काफी उग्रवादी स्वभाव के होते हैं।
यदि किसी व्यक्ति के अष्टम भाग में मंगल विराजमान होता है तो वह वाणी से बहुत ही कड़वा बोलता होगा। ऐसे व्यक्ति का स्वभाव भी बहुत बुरा होता हैं।
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यह जीवन में हमेशा अकेलापन महसूस करते है और इन्हें बवासीर की समस्या बनी रहती है। ऐसे व्यक्तियों को त्वचा से संबंधित रोग की समस्या भी बनी रहती है। इनका वैवाहिक जीवन से भी कोई मोह नहीं होता और यह विवाह करने से बचने के मार्ग ढूंढते रहते हैं।
जिस जातक के दसवें भाव में मंगल होगा वह हमेशा विलासिता में खोया रहता है और उसे दुनिया में घटित हो रही किसी भी घटना से कोई फर्क नहीं पड़ता। ये लोग बहुत ही दुखमय वैवाहिक जीवन व्यतीत करते है। ऐसे लोगों का वैवाहिक जीवन अहम से भरा रहता है। ऐसे व्यक्ति को किसी भी चीज से संतुष्टि नहीं मिलती है।
इसके अलावा मांगलिक लोगों की बहुत सी विशेषताएं है:
कुछ ऐसी भी बातें हैं जो मांगलिक लोगों में या फिर हम कहें की मंगल दोष के फायदे में गिनी जाती हैं । यह कुछ ऐसी विशेषताएं हैं जो सिर्फ मांगलिक लोगों में ही देखने को मिलती है और एक तरह से यह उन को दूसरों से अलग बनाती है।
आइए इन विशेषताओं के बारे में जानते हैं:-
- ऐसे व्यक्ति हाथ में लिया गया काम कभी अधूरा नही छोड़ते।
- यह प्रभावशाली व्यक्तित्व के धनी होते है इनका यही गुण किसी को भी इनकी ओर आकर्षित कर सकता है।
- इनके जीवन में अनुशासन का बहुत अधिक महत्व होता है। यह सब कुछ एक रूटीन में करना पसंद करते है।
- अनुशासित होने के कारण यह प्रत्येक कार्य प्लानिंग के साथ करते है।
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इस लेख के माध्यम से हम आपको यह बताना चाहते हैं की मांगलिक होना कोई अभिशाप नहीं है और जिस तरह का व्यवहार मांगलिक व्यक्ति के साथ किया जाता है वह सही नहीं है। जहां एक बार मांगलिक होने की बहुत से नुकसान है तो वहीं दूसरी और उसके फायदे भी हैं।
इस लेख में हमने मांगलिक होने के नुकसान के साथ साथ मांगलिक होने के फायदों के बारे में भी जाना। यदि आपको हमारा यह लेख फायदेमंद और लाभकारी लगा तो इसे शेयर कीजिए।
डिस्क्लेमर:- आपको बता दे की ऊपर सांझी की गयी जानकारी एक सामान्य जानकारी है जिसको विभिन्न सूत्रों से एकत्रित किया गया है। दी गयी जानकारी को सत्यापित नहीं किया गया है क्युकी मंगल गृह के दोष हर व्यक्ति और उम्र के हिसाब से बदलते रहते है । गहराई में व् सत्यापित और सही जानकारी के लिए कुंडली का अध्यन्न करना जरुरी है ।
अतः आप अपने निकटव्रती ज्योतिष जो ज्योतिष विद्या में निपूर्ण हो से संपर्क करके अपनी कुंडली की जांच करवा कर ठोस जानकारी प्राप्त कर सकते है ।