आज का यह लेख उन लोगों के लिए बहुत फायदेमंद साबित होने वाला है जो जय अंबे गौरी आरती पढ़ते हैं। लेकिन उन्हें उसके नियमों के बारे में नहीं पता।
आपने टीवी में कई बार “om jai ambe gauri ki aarti” सुनी होगी जिसकी गाइका अनुराधा पौडवाल है। जब भी हम इस आरती को सुनते है हमें Anuradha Paudwal की छवि दिमाग में आती है क्युकी अनुराधा पौडवाल की गाई hui जय अम्बे गौरी की आरती अधिकतर सुनने व् देखने को मिलती है ।
लेकिन अधिकतर लोग यह नहीं जानते कि इस आरती को उन्हें किस समय और किस दिशा में बैठकर पढ़ना चाहिए।
इस लेख में हम इन्हीं सब प्रश्नों के उत्तर देने जा रहे हैं। हम आपको बताएंगे कि आप माता अंबे की पूजा करते वक्त किन नियमों का पालन करें।
यदि आप असली जय अम्बे की आरती को डाउनलोड करना चाहते है तो हमने उसका पीडीऍफ़ फाइल का लिंक भी निचे दिया है जिस से आप इस आरती को डाउनलोड कर सकते है ।
डाउनलोड असली जय अम्बे गौरी आरती
असली माता अम्बे गौरी जी की आरती
आइये अब एक नजर माता अम्बे गौरी जी की आरती लिरिक्स पर डालते है और इसे पढ़ते है:
माता अंबे की पूजा का महत्व
आइए हम आपको बताते हैं कि माता अंबे की पूजा करने से किस प्रकार के लाभ होते हैं।
- जो व्यक्ति माता अंबे की पूजा करता है उसे किसी बुरी ताकत का सामना नहीं करना पड़ता। क्योंकि माता अंबे की पूजा करने से स्वतः ही उनका विनाश हो जाता है।
- ऐसा कहा जाता है कि जो व्यक्ति माता अंबे की पूजा व आरती नवरात्रि के दिनों में करता है। जिस दौरान माता के नौ रूपों की पूजा की जाती है उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।
- क्योंकि नवरात्रि का प्रत्येक दिन माता के अलग-अलग रूपों के लिए होता है और माता का प्रत्येक रूप किसी विशेष महत्व को दर्शाता है।
- इसीलिए यदि आप नवरात्रि के 9 दिनों में लगातार माता की आरती का पूजा करते हैं तो आपको अपने जीवन के सभी कष्टों से मुक्ति मिल सकती है।
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माता जी की आरती पढ़ने का सही समय
ओम जय अंबे गौरी आरती पढ़ने के समय की बात की जाए तो आप जब भी पूजा करें अंत में आप माताजी की आरती कर सकते हैं। लेकिन अंबे मां की पूजा का विशेष महत्व नवरात्रि में माना जाता है।
इसीलिए यदि आप नवरात्रि में माता अंबे की पूजा कर रहे हैं तो संपूर्ण पूजा पाठ के हो जाने के बाद अंत में माता की आरती अवश्य पढ़ें।
अंबे जी की आरती करने की सही विधि
यदि आप माता अंबे की पूजा करने जा रहे हैं और आप जय अंबे गौरी आरती पढ़ने जा रहे हैं तो आपको इसकी सही विधि के बारे में जान लेना बहुत जरूरी है।
- पूजा की थाल में हमेशा दीपक घी का जलना चाहिए या फिर आप कपूर का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।
- इस बात का विशेष ध्यान रखना जाना चाहिए कि आप दीपक जलाने के बाद ही माता अंबे की आरती शुरू करें और जब भी आप मां अंबे की आरती कर रहे हो तो जोर-जोर से शंख और घंटा अवश्य बजाना चाहिए।
- ऐसा कहा जाता है कि जोर-जोर से हो रहे शंखनाल और बज रहे घंटे के कारण घर की सभी नकारात्मक ऊर्जा बाहर चली जाती है।
जब भी आप माता अंबे की पूजा करें तो उनकी आरती पूरी विधि विधान और नियम के अनुसार ही करें।
अंबे गौरी की आरती पढ़ने की सही दिशा कौन सी है?
अब जब हम माता अंबे की आरती करने के समय और विधि के बारे में जान चुके हैं तो हमारे लिए आरती पढ़ने की दिशा के बारे में जान लेना भी बहुत अधिक जरूरी है।
जिससे कि हमें किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।
किसी भी देवी देवता की भांति माता की पूजा भी उत्तर-पूर्व दिशा में की जानी चाहिए। इसी दिशा में माता की मूर्ति की स्थापना की जानी चाहिए। इस दिशा को ईशान कोण भी कहा जाता है।
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माता अंबे की आरती कौन कर सकता है?
अक्सर लोग इस बात को सोच कर परेशान रहते हैं कि क्या वह माता अंबे की आरती कर सकते हैं या नहीं। क्या पुरुष माता अंबे की आरती कर सकते है? क्या स्त्रियों के लिए माता अंबे की पूजा करना सही रहता है?
तो आइए हम नीचे आपको इन्हीं प्रश्नों के उत्तर देते हैं।
- माता अंबे की आरती स्त्री और पुरुष दोनों ही कर सकते हैं। जी हां, इसमें कोई परेशानी की बात नहीं है कि माता अंबे की आरती स्त्री करें या फिर पुरुष। लेकिन कुछ नियम है जिनका पालन इन दोनों लोगों को ही करना चाहिए।
- माता अंबे की आरती करने से पहले इस बात का हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि आप नहा धोकर स्वच्छ हुए हो।
- स्त्रियों को मासिक धर्म के दौरान माता अंबे की आरती नही करनी चाहिए।
- माता अंबे की पूजा कर रहे व्यक्ति को झूठ नहीं बोलना चाहिए।
- माता अंबे की पूजा करने वाले व्यक्ति को क्रोध से भी दूरी बनाकर रखनी चाहिए।
- यदि आप माता अंबे की पूजा कर रहे हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि आपको लालच से दूर रहना है।
- माता अंबें को मोह से दूरी बनाकर रखनी चाहिए।
सबसे पहले हम आपको यह बता देना चाहते हैं कि हमारे द्वारा लिखा गया यह लेख किसी भी प्रकार की ज्योतिष जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।
हमने यह लेख विभिन्न मान्यताओं और लोकोक्तियां पर आधारित लिखा है। इसीलिए यदि आप ज्योतिष शास्त्र से संबंधित कुछ भी जानना चाहते हैं तो आप किसी अच्छे विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें।
अंबे गौरी जी की आरती करते समय किन-किन विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए ताकि माता रानी अपनी कृपा हमारे परिवार पर बनाए रखें ??
माता जी की आरती के समय माता जी को कौन सा भोग अर्पित करना चाहिए कौन सा प्रसाद माता जी को अत्यधिक प्रिय है कृपया इसके बारे में हमें जानकारी दें धन्यवाद।
मासिक धर्म के समय औरतों को माता रानी की आरती नहीं करनी चाहिए क्या इस बात के पीछे का कोई वैज्ञानिक कारण है या फिर इसका कोई धार्मिक कारण है यदि इस तथ्य से जुड़ा आपके पास कोई भी जवाब है तो कृपया हमें अवश्य बताएं ??
माता आंबे गौरी की इस आरती का अर्थ कैसे समझा जाएग क्युकी यह तो संस्कृत भाषा में लिखा गई है ??
मुझे काफी समय से डरावने सपने आते रहते हैं जिसकी वजह से मैं आधी रात में उठकर बैठ जाता हूं और दोबारा सोने से घबराता हूं क्या मैं अंबे गौरी जी की आरती करके अपने इस डरावने सपने की समस्या से बाहर आ सकता हूं ??
हम जानना चाहते हैं कि क्या अंबे गौरी माता की आरती के साथ दुर्गा चालीसा का निरंतर पाठ करने से भी माता रानी प्रसन्न होकर अपनी कृपा हमारे परिवार पर बनाते हैं??
माता रानी को खुश करने के लिए किस दिन व्रत रखना चाहिए ??
जय अम्बे गौरी आरति करते मेरा ध्यान इधर उधर चला जाता है मनन से आरती नहीं कर पाता है ऐसा क्या उपाय करें जिससे माता की आरती में मन लगे ??